कुछ रहा ना तेरे मेरे दरमियाँ
फिर ये फासले नज़र क्यों नहीं आते
कुछ रहा ना तेरे मेरे दरमियाँ
फिर साथ बिताये लम्हे यादों से गुज़र क्यों नहीं जाते
कुछ रहा ना तेरे मेरे दरमियाँ
फिर क्यों लगे दूरियों में भी नझदिकी है
कुछ रहा ना तेरे मेरे दरमियाँ
फिर क्यों लगे तुझमे मै और मुझमे तु बाकि है