कभी तो नजर आओ हमे
के नैना तरस गए
कभी तो खिलने दो बहारे
के बादल बरस गए
जो तुम्हे देखू तो मिलता सुकून
जो तुम देखो मेरी तरफ तो कही और न देखू
पर कभी तो नजरे मिलाओ नजरोँ से
के नैना तरस गए
जो तुम बात करो हमसे
हम बातोँ मे खो जाए
जो सोचू जब भी तुम्हारे बारे मे
हम रातो मे भी न सो पाए
पर कभी तो कोई ख्वाब सजने दो
के नैना तरस गए
जो कभी तुम हमारे पास आओ
हम सारी दुनिया भूल जाए
जो कभी तुम हात मिलाओ हमसे
हमे सारी खुशियाँ मिल जाए
पर कभी तो कदम रखो इस राह पर
के नैना तरस गए
जो कभी तुम करो आँखोँ से इशारा
हम वही इजहार-ए-मोहब्बत कर जाए
जो तुम कर दो ‘हाँ’ हमसे
हम खुशी के मारे मर जाए
पर कभी तो आँखोँ से कोई इशारा होने दो
के नैना तरस गए